बेंगलुरु,4 जुलाई (युआईटीवी)- नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025 को लेकर बेंगलुरु में उत्साह देखा जा रहा है। भारत के खेल परिदृश्य में एक ऐतिहासिक क्षण आने वाला है,जब शनिवार को बेंगलुरु का प्रतिष्ठित श्री कांतीरवा स्टेडियम नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025 का गवाह बनेगा। यह सिर्फ एक एथलेटिक इवेंट नहीं,बल्कि भारतीय खेल संस्कृति का उत्सव है,जिसमें ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा के नेतृत्व में देश और दुनिया के शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। यह आयोजन एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) द्वारा अनुमोदित है और इसे नीरज चोपड़ा एवं जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।
नीरज चोपड़ा क्लासिक के आयोजन के लिए श्री कांतीरवा स्टेडियम को पूरी तरह से नया रूप दिया गया है। दर्शकों के लिए बैठने की नई व्यवस्था,रनवे के नजदीक हॉस्पिटैलिटी ज़ोन और एथलीटों के लिए नई टर्फ जैसी सुविधाएँ इसे एक विश्व स्तरीय आयोजन बनाती हैं। नॉर्थ स्टैंड में बनाए गए कॉर्पोरेट और वीवीआईपी बॉक्स न सिर्फ खास मेहमानों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे,बल्कि उन्हें प्रतियोगिता को बेहद करीब से देखने का मौका देंगे। वहीं,साउथ स्टैंड में बनाया गया मनोरंजन मंच दर्शकों के उत्साह को बढ़ाएगा।
स्टेडियम की मुख्य टर्फ को दोबारा बिछाया गया है,ताकि एथलीटों को उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सर्वोत्तम परिस्थितियाँ मिल सकें। आयोजकों का उद्देश्य केवल प्रतिस्पर्धा कराना नहीं है,बल्कि इसे एक सांस्कृतिक और सामाजिक अनुभव में बदलना भी है,जहाँ खेल प्रेमियों को विश्व स्तरीय आयोजन का अनुभव मिल सके।
नीरज चोपड़ा इस आयोजन में केवल प्रतिभागी ही नहीं,बल्कि आयोजक की भूमिका में भी हैं। उन्होंने इस आयोजन को भारतीय एथलेटिक्स के भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। नीरज ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात कर राज्य सरकार के समर्थन की सराहना की और स्टेडियम को अंतर्राष्ट्रीय मानकों तक पहुँचाने में सरकार की भूमिका की प्रशंसा की।
अपने संबोधन में चोपड़ा ने कहा,“मैं कर्नाटक सरकार,केओए और डीवाईईएस का विशेष रूप से आभारी हूँ,जिन्होंने इस आयोजन को संभव बनाया। उनके सहयोग से हम न केवल खिलाड़ियों के लिए बेहतरीन सुविधाएँ सुनिश्चित कर पाए हैं,बल्कि दर्शकों को भी एक अविस्मरणीय अनुभव देने में सक्षम हुए हैं।”
चोपड़ा ने आगे कहा कि यह आयोजन सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं है,बल्कि एक आंदोलन है,जो भारतीय खेलों के भविष्य को आकार देगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस स्टेडियम को जिस तरह नए सिरे से सजाया गया है,वह देश में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एक मिसाल बनेगा।
इस प्रतियोगिता में दुनिया के कई दिग्गज भाला फेंक एथलीट हिस्सा ले रहे हैं,जिनमें जर्मनी के थॉमस रोहलर भी शामिल हैं,जिन्होंने 2016 रियो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। रोहलर के अलावा कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी भी मैदान में होंगे,जिससे यह आयोजन न केवल भारतीय बल्कि वैश्विक एथलेटिक्स प्रेमियों के लिए भी एक खास अवसर बन गया है।
प्रतियोगिता से पहले स्टेडियम के साइड ग्राउंड में युवा खिलाड़ियों ने अभ्यास किया, जिससे पूरे माहौल में ऊर्जा की लहर दौड़ गई। स्टैंड्स में स्कूलों से आए बच्चे अपने आदर्श खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए बेसब्री से इंतजार करते दिखे। यह आयोजन इन बच्चों के लिए सिर्फ खेल का अनुभव नहीं,बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी है।
‘नीरज चोपड़ा क्लासिक’ एक ऐसा मंच बन रहा है,जो केवल प्रदर्शन तक सीमित नहीं है,बल्कि यह भारत के खेल भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता और दूरदृष्टि का परिचायक है। यह आयोजन न केवल भाला फेंक को लोकप्रिय बना रहा है,बल्कि देश भर के युवा खिलाड़ियों को यह दिखा रहा है कि सही समर्थन और प्लेटफॉर्म मिल जाए तो वे भी वैश्विक स्तर पर चमक सकते हैं।
नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025 भारतीय खेलों की नई दिशा और पहचान का प्रतीक बन चुका है। यह आयोजन एक ऐसे युग की शुरुआत है,जहाँ एथलीट आयोजक भी हो सकते हैं और खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर केवल प्रतियोगिता के लिए नहीं,बल्कि प्रेरणा और राष्ट्रीय गौरव का केंद्र बन सकता है। आने वाले वर्षों में यह आयोजन भारतीय खेल पंचांग का एक स्थायी हिस्सा बनकर उभरेगा और लाखों युवाओं को खेल की ओर आकर्षित करेगा।