नई दिल्ली,24 जनवरी (युआईटीवी)- कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 26 जनवरी से दिल्ली में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर सकती हैं। कांग्रेस के अभियान प्रबंधन से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने संभावना जताई है कि प्रियंका गांधी 26 जनवरी की शाम को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में अपनी पहली रैली को संबोधित कर सकती हैं। यह रैली कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
दिल्ली में चुनावी प्रचार के दौरान सभी कांग्रेस उम्मीदवारों ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) से आग्रह किया है कि प्रियंका गांधी उनके निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार करें। हालाँकि, प्रियंका गांधी केवल महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार करेंगी,जैसा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने तय किया है।
इस चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने दिल्ली के लोगों से पाँच प्रमुख वादे किए हैं। इनमें से पहला है महिलाओं को “प्यारी दीदी योजना” के तहत 2,500 रुपये प्रति माह दिया जाएगा। दूसरा वादा दिल्ली के सभी निवासियों के लिए 25 लाख रुपये का आजीवन स्वास्थ्य बीमा है। इसके अलावा, शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अपने रोजगार कौशल को विकसित करने के लिए एक साल तक 8,500 रुपये प्रति माह वजीफा दिया जाएगा। पार्टी ने 500 रुपये में सब्सिडी वाली रसोई गैस,मुफ्त राशन किट और 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का भी वादा किया है। कांग्रेस ने इन वादों के माध्यम से दिल्ली के लोगों को आकर्षित करने की कोशिश की है।
कांग्रेस दिल्ली में वापसी करने की कोशिश कर रही है,खासकर पिछले दो विधानसभा चुनावों में जब पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में शून्य सीटों के साथ कांग्रेस ने दिल्ली में अपनी उपस्थिति खो दी थी। अब पार्टी की कोशिश है कि वह इन चुनावों में मजबूत वापसी करे और दिल्ली के मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने में सफल हो।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव प्रचार में कुछ दिक्कतें आई हैं। गुरुवार को राहुल गांधी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद में अपनी रैली रद्द कर दी, जिससे उनके चुनाव प्रचार की उपलब्धता को लेकर संशय बरकरार है। राहुल गांधी हाल ही में अस्वस्थ होने के कारण कुछ कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाए थे, जिनमें दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में उनका प्रस्तावित कार्यक्रम भी शामिल था। इससे पहले,राहुल गांधी को सदर बाजार निर्वाचन क्षेत्र के इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर एक रैली संबोधित करनी थी,लेकिन उनकी खराब सेहत के कारण वह रैली में हिस्सा नहीं ले सके।
राहुल गांधी ने 13 जनवरी को सीलमपुर में पहली रैली की थी,जिसके बाद उनके स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल उठे। अब देखना यह है कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के चुनाव प्रचार से कांग्रेस को कितनी सफलता मिलती है और दिल्ली के चुनावी मैदान में पार्टी अपनी खोई हुई ताकत को पुनः प्राप्त कर पाती है या नहीं।