केदारनाथ धाम

श्रद्धालुओं के लिए ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट खुले,हेलीकॉप्‍टर से पुष्‍पवर्षा हुई

केदारनाथ/रुद्रप्रयाग,10 मई (युआईटीवी)- श्रद्धालुओं के लिए विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के छह माह के लिए आज विधि-विधान और पौराणिक परंपराओं के साथ खोल दिए गए हैं। मुख्य मंदिर के कपाट जय बाबा केदारनाथ के उदघोष और सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच केदारनाथ धाम के रावल भीमा शंकर लिंग और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में खोले गए।

आज प्रात: सात बजे वृष लग्न में हिमालय पर बसे ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट खोले गए। मंदिर परिसर तथा दर्शन पंक्ति में प्रातः चार बजे से यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। कपाट खुलने के साक्षी हज़ारों श्रद्धालु बने। वहाँ उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बधाई दी और देश‌ एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा यात्रा के बारे में कहा कि चारधाम यात्रा इस बार नया कीर्तिमान स्थापित करेगी। तीर्थयात्रियों की सभी सुविधाओं के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर 20 क्विंटल से अधिक फूलों से मंदिर को सजाया गया था। कपाट खुलते समय हेलीकॉप्‍टर द्वारा आसमान से तीर्थयात्रियों पर पुष्‍पवर्षा की गई।

श्रद्धालुओं के लिए मुख्य सेवक भंडारा कार्यक्रम समिति द्वारा जगह-जगह भंडारे भी आयोजित किए गए। केदारनाथ में इस समय मौसम भी साफ है।

कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति गुरुवार शाम को केदारनाथ धाम पहुँची थी। मंदिर परिसर और दर्शन पंक्ति में शुक्रवार तड़के चार बजे से यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। इसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय,रावल भीमाशंकर लिंग, केदार सभा के पदाधिकारी एवं जिलाधिकारी डाॅ सौरभ गहरवार,धर्माचार्य,वेदपाठी,मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह,पुजारी और प्रशासन के अधिकारी पूरब द्वार से मंदिर पहुँचे। उसके बाद रावल, धर्माचार्य एवं पुजारी गणों ने द्वार पूजा शुरू की तथा सुबह ठीक सात बजे भगवान भैरवनाथ के साथ भगवान शिव का आह्वान कर केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए।

कपाट खोल दिए जाने के पश्चात भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप को हटाकर श्रृंगार रूप दिया गया। भक्तों को कपाट खुलने के दौरान मंदिर से कुछ दूर रोका गया था। श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए कपाट खुलने के लगभग आधा घंटे बाद भेजा गया। केदारनाथ धाम के दर्शन अब आम भक्त भी आगामी छह माह तक कर सकते हैं।

श्रद्धालुओं को बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कपाट खुलने के अवसर पर शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष रिकॉर्ड तीर्थयात्री यात्राकाल में केदारनाथ धाम पहुँचे थे। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी।

कार्यक्रम के अनुसार 6 मई को भगवान भैरवनाथ की ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पूजा हुई थी। 9 मई को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति विभिन्न पड़ावों गुप्तकाशी,फाटा, गौरीकुंड से होते हुए केदारनाथ धाम पहुँची थी। 10 मई को केदारनाथ धाम के कपाट सुबह ठीक 7 बजे खोल दिए गए।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने कहा कि केदारनाथ धाम में शनिवार (11 मई) को श्री भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुलेंगे। उसके बाद केदारनाथ मंदिर में प्रातः आरतियाँ एवं संध्याकालीन आरतियाँ शुरू हो जाएँगी ।

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