राघव चड्ढा (तस्वीर क्रेडिट@JaikyYadav16)

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर आप नेता राघव चड्ढा ने राज्यसभा में दिया स्थगन नोटिस

नई दिल्ली,2 दिसंबर (युआईटीवी)- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और इस्कॉन के पुजारियों की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और सांसद राघव चड्ढा ने सोमवार को राज्यसभा में स्थगन नोटिस दिया। राघव चड्ढा ने माँग की है कि इन विषयों पर सदन में न सिर्फ विस्तृत चर्चा की जाए,बल्कि इसकी निंदा भी की जाए।

अपने प्रस्ताव में राघव चड्ढा ने कहा, “राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 267 के तहत,मैं प्रस्ताव पेश करने के अपने इरादे की सूचना देता हूँ।” उन्होंने आगे कहा कि सदन को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और इस्कॉन के तीन पुजारियों,जिनमें चिन्मय कृष्ण दास भी शामिल हैं,की गिरफ्तारी पर चर्चा करने के लिए शून्यकाल और प्रश्नकाल के साथ-साथ दिन के लिए सूचीबद्ध अन्य कार्यों से संबंधित प्रासंगिक नियमों को निलंबित करना चाहिए।

चड्ढा ने यह भी कहा कि सदन को सामूहिक रूप से इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर चर्चा करनी चाहिए और उसे निंदित करना चाहिए। उनका यह बयान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के रूप में देखा गया,जो पिछले कुछ समय से चर्चा का विषय बना हुआ है।

इसके अलावा,कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने भी राज्यसभा में स्थगन नोटिस दिया और अपने नोटिस में उन्होंने अजमेर शरीफ दरगाह पर चर्चा करने की माँग की है।

कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि भारतीय संस्कृति के लिए अजमेर शरीफ अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है,लेकिन हाल ही में इसके ऐतिहासिक पहचान पर सवाल उठाए गए हैं,जिसने देश के नागरिकों को चिंतित कर दिया है। उन्होंने कहा कि, “ऐसे समय में अजमेर शरीफ का मुद्दा उठाया गया है,जब हाल ही में संभल में हिंसा हुई थी। संभल में हुई हिंसा में कई मासूमों की जान चली गई। इस प्रकार की हिंसक घटनाएँ सामाजिक भाईचारे को नुकसान पहुँचाती हैं।”

इमरान प्रतापगढ़ी ने यह भी कहा कि भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सभी भारतीयों के बीच सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देना हर नागरिक का कर्तव्य है। उनका मानना है कि इस मुद्दे पर सदन में व्यापक विचार-विमर्श होना चाहिए, ताकि भारत के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत किया जा सके।

दोनों नेताओं के स्थगन नोटिस इस बात को उजागर करते हैं कि संसद में विभिन्न संवेदनशील मुद्दों पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता महसूस हो रही है। राघव चड्ढा जहाँ बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं,वहीं इमरान प्रतापगढ़ी देश में सामाजिक भाईचारे और धार्मिक विविधता की रक्षा के लिए सदन में चर्चा की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।