नई दिल्ली,29 अप्रैल (युआईटीवी)- सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार (29 अप्रैल, 2024) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा आबकारी नीति में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होनी है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी। केजरीवाल का कहना है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनकी गिरफ्तारी हुई है।
सीएम केजरीवाल ने आबाकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी है। अपनी गिरफ्तारी को उन्होंने राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी उचित नहीं है। उनका कहना है कि सत्ताधारी पार्टी को देश में हो रहे आम चुनावों में इसका अनुचित लाभ मिलेगा और यह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों के खिलाफ है।
याचिका में केजरीवाल द्वारा दावा किया गया है कि एक मौजूदा मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय विपक्षी दलों में से एक के राष्ट्रीय संयोजक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लोकसभा चुनाव की घोषणा होने और आदर्श आचार संहिता लागू होने के पाँच दिन बाद अवैध रूप से पकड़ा गया है। ईडी ने इन दलीलों को खारिज कर दिया है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को कमजोर करने के लिए ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का केंद्र सरकार द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है।
जिस पर ईडी के उप निदेशक द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि जो याचिका केजरीवाल ने दायर की है,उसमें कोई दम नहीं है। उनकी गिरफ्तारी जाँच में पूर्ण रूप से असहयोग के कारण अनिवार्य हो गई थी।
हलफनामे में कहा गया है कि सीएम केजरीवाल को नौ बार समन जारी किया गया,लेकिन ईडी अधिकारियों के सामने वे उपस्थित नहीं हुए। उनके बयान पीएमएलए की धारा 17 के तहत दर्ज करने के दौरान वे सवालों से बचने का प्रयास कर रहे थे और पूर्ण रूप से असहयोग कर रहे थे।
वहीं,एमसीडी के स्कूलों की खस्ता हाली को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर आज दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है। इससे पूर्व अदालत को बताया गया था कि लगभग दो लाख छात्रों को प्रशासनिक बाधाओं के कारण बुनियादी सुविधाएँ नहीं मिल रही हैं।
एमसीडी स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को किताबें मुहैया नहीं कराई गई हैं। जिसके लिए 26 अप्रैल को उच्च न्यायालय ने एमसीडी के साथ सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी।
इसके बाद,आप की दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर दिल्ली के उप राज्यपाल ने एमसीडी कमीश्नर की वित्तीय शक्तियों को अस्थाई रूप से पाँच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।
अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम की स्थायी समिति का गठन एक साल से अधिक समय से नहीं हुआ है। इसलिए शिक्षा,स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएँ इस देरी के कारण अटकी हुई हैं।
इस बीच,सोमवार को जेल में अरविंद केजरीवाल से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल को मुलाकात की अनुमति नहीं होगी।
जेल मैन्युअल के मुताबिक,केवल दो ही लोगों को एक सप्ताह में मुलाकात की इजाजत होती है। विजिटर्स पोर्टल के जरिए पहले ही दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मुलाकात के लिए आवेदन कर दिया है। जिसके कारण सुनीता केजरीवाल के आवेदन को रद्द कर दिया गया। तिहाड़ जेल प्रशासन पहले दो आवेदकों की मुलाकात के बाद उनके आवेदन पर पुनर्विचार करेगा।
मुख्यमंत्री से आज दोपहर 12.30 बजे के आसपास आतिशी के मुलाकात की उम्मीद है।