संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान नीट को खत्म करने का मुद्दा उठाएगी द्रमुक

चेन्नई, 22 नवंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| संसद के शीतकालीन सत्र में डीएमके नीट परीक्षा को खत्म करने का मुद्दा उठाएगी। वह जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रही है कि परीक्षा में ग्रामीण पृष्ठभूमि के उज्‍जवल छात्रों को छोड़ दिया जाता है। इस बात पर जोर दिया गया है कि जिन लोगों को उचित प्रवेश कोचिंग कक्षाएं मिलती हैं, वे परीक्षा से लाभान्वित हो रहे हैं।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने रविवार को डीएमके सांसदों की एक बैठक की अध्यक्षता की और लोकसभा और राज्यसभा में नीट के मुद्दे को उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।

द्रमुक के एक वरिष्ठ सांसद ने आईएएनएस को बताया, “मुख्यमंत्री ने हम सभी को निर्देश दिया है कि एनईईटी पर तैयार होने के लिए तथ्यों और आंकड़ों के साथ तैयार रहें और संसद में बोलने के लिए जो भी कम समय मिले, उस मुद्दे को उठाएं। कानून, हम उम्मीद कर रहे हैं कि नीट के खिलाफ एक अनुकूल निर्णय होगा।”

द्रमुक भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। इसलिए संसद में नीट का मुद्दा उठाने वाले इसके सांसदों को सरकार आसानी से नजरअंदाज नहीं कर सकती है।

रविवार को पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक की कार्यवाही की जानकारी रखने वाले द्रमुक के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों को याद करते हुए एक मिनट का मौन रखकर बैठक शुरू हुई।

बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें केंद्र से संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को पेश करने का आग्रह किया गया।

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