नई दिल्ली,18 जनवरी (युआईटीवी)- इंडिया ओपन बैडमिंटन 2025 में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय पुरुष युगल जोड़ी शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। इन दोनों की शानदार प्रदर्शन ने भारतीय बैडमिंटन को एक बार फिर से गर्व महसूस कराया,जबकि सिंधु की हार ने भारतीय उम्मीदों को धक्का पहुँचाया। भारत के लिए वूमेन सिंगल्स में पीवी सिंधु से काफी उम्मीदें थीं,लेकिन वह बीडब्ल्यूएफ सुपर 750 इंडिया ओपन टूर्नामेंट से हारकर बाहर हो गईं।
पीवी सिंधु और किरण जॉर्ज की हार के साथ वूमेन सिंगल्स में भारत का अभियान समाप्त हो गया। सिंधु को पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता ग्रेगोरिया मारिस्का तुनजुंग के खिलाफ तीन सेटों में हार का सामना करना पड़ा। सिंधु का मैच काफी कड़ा था,जिसमें पहले सेट में उन्हें 21-9 से हार मिली। इसके बाद, उन्होंने वापसी की और दूसरे सेट को 19-21 से जीत लिया,लेकिन तीसरे और निर्णायक सेट में उन्हें 21-17 से हार मिली। इस हार के साथ ही सिंधु का टूर्नामेंट समाप्त हो गया।
वहीं, पुरुष युगल में सात्विक और चिराग की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया। ये दोनों खिलाड़ी एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता हैं और उन्होंने केडी जाधव इंडोर हॉल में बीडब्ल्यूएफ सुपर 750 टूर्नामेंट के पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में दक्षिण कोरिया के योंग जिन और कांग मिन ह्युक की जोड़ी को हराया। सात्विक और चिराग ने यह मुकाबला 21-10, 21-17 से जीतकर अगले दौर में अपनी जगह पक्की की है।
इन दोनों की जीत भारतीय बैडमिंटन के लिए खुशी की बात थी,क्योंकि उन्होंने न सिर्फ शानदार प्रदर्शन किया,बल्कि इस मैच को फाइनल जैसा रोमांचक भी बना दिया। शुरुआती सेट में सात्विक और चिराग ने कोरियाई जोड़ी के खिलाफ 9-1 की बढ़त बनाई और फिर अगले कुछ मिनटों में ही 18 मिनट में पहला सेट जीत लिया। दूसरे सेट में कोरियाई जोड़ी ने कड़ी टक्कर दी,लेकिन भारतीय जोड़ी ने दबाव में आकर भी हार नहीं मानी और आखिरकार 21-17 से दूसरा सेट जीत लिया।
अब, सेमीफाइनल में सात्विक और चिराग का सामना इंडोनेशिया के तीसरी वरीयता प्राप्त सेजे फेई गोह और नूर इज्जुद्दीन की जोड़ी से होगा। यह मुकाबला भी काफी रोमांचक होने की संभावना है और भारतीय जोड़ी को अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखने की आवश्यकता होगी,ताकि वे फाइनल में पहुँच सकें और यह टूर्नामेंट जीतने का अपना सपना साकार कर सकें।
सिंधु की हार के बावजूद इस टूर्नामेंट में उनके लिए कुछ सकारात्मक बातें भी रही हैं। चोटों से जूझने के बाद सिंधु ने पेरिस ओलंपिक के बाद अपनी फिटनेस पर काफी मेहनत की थी। 29 वर्षीय सिंधु ने इस टूर्नामेंट में अपनी मूवमेंट में कुछ संघर्ष किया, लेकिन जब उन्होंने अपनी लय हासिल की, तो उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी को कड़ी टक्कर दी। दूसरे सेट में जब वह 3-9 से पिछड़ने के बाद भी जीत के लिए संघर्ष कर रही थीं,तो यह उनके जज्बे को दर्शाता है।
सिंधु का प्रदर्शन यह दिखाता है कि वह चोटों से उबरने के बाद भी दुनिया के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ियों से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। हालाँकि,वह इस बार जीत नहीं सकीं,लेकिन उनके संघर्ष ने साबित कर दिया कि वह अभी भी शीर्ष स्तर पर खेलने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।
इस टूर्नामेंट में भारत के लिए मिलेजुले परिणाम रहे,जहाँ एक तरफ सिंधु की हार ने थोड़ी निराशा दी,वहीं सात्विक और चिराग की जोड़ी की सफलता ने भारतीय बैडमिंटन को गर्व महसूस कराया। अब यह देखने वाली बात होगी कि भारतीय जोड़ी सेमीफाइनल में किस तरह का प्रदर्शन करती है और क्या वह फाइनल में पहुँचकर भारत का नाम रोशन कर सकती है।