पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार और चीन के विदेश मंत्री वांग यी (तस्वीर क्रेडिट@Shankar_Yadavji)

चीन ने पहलगाम आतंकी हमले पर पाकिस्तान की ‘निष्पक्ष जाँच की माँग’ का किया समर्थन

नई दिल्ली,28 अप्रैल (युआईटीवी)- चीन ने पहलगाम आतंकी हमले के मामले में पाकिस्तान की माँग का समर्थन करते हुए घटना की निष्पक्ष और स्वतंत्र जॉंच की वकालत की है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी,पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निहत्थे नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हमले के बाद से भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त अभियान शुरू किया है,वहीं पाकिस्तान ने इस घटना पर अलग ही रुख अपनाते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाँच की माँग उठानी शुरू कर दी है।

अब चीन ने भी पाकिस्तान के इस रुख का समर्थन किया है,जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। चीन ने पाकिस्तान द्वारा की गई ‘तीसरे पक्ष’ द्वारा स्वतंत्र जाँच की माँग का समर्थन करते हुए निष्पक्ष जाँच की वकालत की है।

ग्लोबल टाइम्स के रिपोर्ट के अनुसार,पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को फोन पर बातचीत की। इस दौरान वांग यी ने पाकिस्तान के दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए कहा कि चीन कश्मीर क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न हालात पर गंभीरता से नजर रख रहा है और निष्पक्ष तथा स्वतंत्र जाँच की शीघ्र शुरुआत का समर्थन करता है।

वांग यी ने दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव कम करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ना सभी देशों की साझा जिम्मेदारी है और चीन लगातार पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों का समर्थन करता है।

चीन ने पाकिस्तान को ‘हर मौसम का रणनीतिक साझेदार’ बताते हुए उसकी वैध सुरक्षा चिंताओं को पूरी तरह से समझने और उसकी संप्रभुता एवं सुरक्षा हितों को बनाए रखने के प्रयासों का समर्थन करने की बात कही।

वांग यी का यह बयान ऐसे समय आया है,जब पाकिस्तान,लगातार अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष भारत पर सवाल उठाते हुए जाँच को अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के माध्यम से कराने की माँग कर रहा है। पाकिस्तान का तर्क है कि भारत पर भरोसा नहीं किया जा सकता और इसलिए किसी तटस्थ अंतर्राष्ट्रीय समिति द्वारा जाँच कराई जानी चाहिए।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अनुसार,डिप्टी पीएम इशाक डार ने वांग यी को क्षेत्रीय हालात के बारे में अवगत कराया और चीन के समर्थन की सराहना की। डार ने कहा कि पाकिस्तान सभी क्षेत्रों में चीन के साथ द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पाकिस्तान की इस रणनीति का उद्देश्य वैश्विक मंच पर भारत के खिलाफ माहौल बनाना है,ताकि आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा की जा रही कार्रवाई को ‘मानवाधिकार उल्लंघन’ के रूप में पेश किया जा सके। चीन का समर्थन मिलने से पाकिस्तान को इस दिशा में कुछ हद तक बल मिला है।

इस पूरे प्रकरण में अमेरिका ने फिलहाल हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला है और अमेरिका का इसमें हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है। ट्रंप के इस बयान से भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक राहत जरूर मिली थी।

भारत ने पहलगाम हमले के तुरंत बाद स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी भी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा। भारत ने हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ होने के पर्याप्त सबूत भी दुनिया के सामने रखे हैं। भारतीय अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान और उसके सहयोगी देश इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीयकरण कर भारत के आतंकवाद विरोधी अभियान को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं।

चीन द्वारा पाकिस्तान की निष्पक्ष जाँच की माँग का समर्थन करना क्षेत्रीय राजनीति में एक बड़ा संकेत है। इससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और गहरा सकता है। हालाँकि,भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह के दबाव या प्रोपेगेंडा से पीछे नहीं हटेगा। आने वाले दिनों में इस मामले पर अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कूटनीतिक गतिविधियाँ और तेज हो सकती हैं,लेकिन भारत अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा।